Hindi Poem on Love
Hindi Poem on Love के सफर के साथ एक बार फिर मैं कविताओं का संग्रह साझा कर रही हूँ। प्रेमपरक कविताएं प्रेम का वह सागर है, जो अपनी धाराओं में सम्पूर्ण सृष्टि को सराबोर कर सकता है।
इन कविताओं में भावनाओं का अहसास, उद्गार व उड़ान शामिल है। प्यार पर कविता प्यार के एहसास का अनोखा रूप है।
कविता के इस संकलन में उस प्यार का उल्लेख है, जिसमें शहद की मिठास, गुलाबों की सुगंध, मदमस्त पवन के झोकों का एहसास, कभी जुदाई का मौसम तो कभी मिलन की आस शामिल होती है।
हम सभी जानते हैं की 7 फरवरी 2021 से 14 फरवरी 2021 का सप्ताह वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जा रहा है। हर साल फरवरी मास के इस सप्ताह को वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है।
इस हफ्ते के प्रत्तेक दिन को अलग तरह से सैलीब्रेट किया जाता है। हलांकि प्यार को व्यक्त करने के लिए किसी समय सीमा की आवश्यकता नहीं होती।
प्रेम सर्वत्र प्रसारित, पुष्पित और पल्लवित होता है। प्यार भटकाओं नहीं मार्गदर्शन करता है, यह स्वार्थ का भाव नहीं परमार्थ की भावना है, कुछ लेने से अधिक देने में विश्वास करता है,
इसलिए प्यार को सही मायनों में समझते हुए उसकी मर्यादा को बनाए रखना अतिआवश्यक है। प्रेम शब्द का क्षेत्र अत्यंत विस्तृत है। इसे हम अनेकों रिश्तों के लिए प्रयुक्त करते हैं।
प्रेम क्या है? तथा प्रेम पर कविता संबंधी पोस्ट मैं अपनी वेबसाइड पर पहले ही सम्मिलित कर चुकीं हूँ, जिनमें प्यार के विभिन्न रंगों से सुसज्जित रिश्तों का वर्णन लेख व कविताओं के माध्यम से अत्यंत रोचक स्वरूप में किया गया है।
हर किसी के जीवन में पहले प्यार की दस्तक तो होती ही है। वो पहली बार, पहला प्यार, बस नजर का मिलना, अनेकों तरंगों का उत्पन्न होना,
कुछ अलग एहसासों का अनुभव और न जाने क्या जो सभी से छुपाने की कोशिश करना, उस शख्स से भी जिसके लिए मन में ये भावनाएं हैं।
इन्हीं प्यारी, अनोखी, रंगीन भावनाओं को व्यक्त करती हुई प्रस्तुत है पहली कविता –
No 1
बात निकली जुबां से
बात निकली जुबां से संभाला किए।
दिल की बातों को दिल में छुपाया किए॥
इक पल, इक दिन, इक सदियाँ गई।
पर तुम्हीं से हमी को सवारा किए॥
बात निकली जुबां से संभाला किए।
हर सुबह शाम बन करके गुजरा किए।
हर निशा बन करके सपने निखरा किए॥
हर फिज़ा, हर अदा, हर निशां बन गई।
हर नज़र में निखरने को तरसा किए॥
बात निकली जुबां से संभाला किए।
हर डगर, हर शहर यूँ ही निकला किए।
जिंदगी का सफर यूँ ही तन्हा लिए॥
क्यूँ न चलते रहें पाने मंजिल को हम।
है जो तन्हा सफर उसको रौशन किए॥
बात निकली जुबां से संभाला किए।
वो जो कह न सके दिल में उनके है जो।
हम यूँ समझा किए उनकी फितरत है वो॥
मिलते मिलते कदम यूँ ही चलते रहे।
जाने अनजाने में ही वफ़ा कर गए॥
बात निकली जुबां से संभाला किए।
दिल की बातों को दिल में छुपाया किए॥
प्यार का अगला चरण मिलने की फरियाद, कुछ कहने की इच्छा या सुनने का इंतजार। इसी असमंजस्य में दिन और रातें कटती हैं। यही आस, आगाज, आहट, दस्तक, फरियाद ही प्रेम की अमर कहानियाँ बनती हैं।
मिलन की प्रतीक्षा की सहज भावनाओं की अनुभूति करने के लिए अब हम अगली कविता की ओर चलते हैं, जहाँ प्रेम के भावों की माला बनाकर भावनाओं को सहेजने की निर्मल कामना व्यक्त हो रही है –

No 2
आ जाओ
अगर तुम पास आ जाओ,
तो क्या ही बात बन जाए॥
कभी तुमको निहारू मैं,
कभी कुछ ख्वाब बुन जाए।
कभी यादों को तेरी ले
के मैं आगोश में सोई॥
कभी तकिये के नीचे ले
तेरी तस्वीर मैं रोई।
अगर तुम पास आ जाओ॥
तो क्या ही बात बन जाए।
तेरी तस्वीर देखूँ मैं और
मुलाक़ात हो जाए॥
कभी तुमको निहारू मैं
कभी कुछ ख्वाब बुन जाए।
अगर कह दूँ की तेरे प्यार से
दामन छुड़ाती हूँ।
तो तेरे गीत को अक्सर ही क्यूँ
मैं गुनगुनाती हूँ॥
अगर तुम पास आ जाओ,
तो क्या ही बात बन जाए।
नए गीतों की माला सी
शुरुआत हो जाए॥
कभी तुमको निहारू मैं
कभी कुछ ख्वाब बुन जाए॥
कहीं आहट भी होती है,
तो अक्सर चौंक जाती हूँ।
तभी खुद को भुलाती हूँ,
और तुम में खो सी जाती हूँ॥
अगर तुम पास आ जाओ,
तो क्या ही बात हो जाए।
हर एक आहट पर तेरे आने
का आगाज हो जाए॥
कभी तुमको निहारू मैं,
कभी कुछ ख्वाब बुन जाए॥
प्रिय के आगमन की आहट मात्र पर ही चौकना, पलकें बिछा कर आने की प्रतीक्षा करना, अनजाने भय से विचलित होना।
इन सभी प्रेमपरक प्रसंगों का हिन्दी कवियों ने बड़ा ही सजीव चित्रण किया और हिन्दी काव्य को अमर साहित्य की श्रेणी में प्रतिष्ठित कर दिया।
प्रेम की पराकाष्ठा, मार्मिकता व हृदयस्पर्शिता का ऐसा वर्णन अन्यत्र दुर्लभ है। अब आइए प्यार के अगले पड़ाव पर चलें। जी हाँ सपने, ख्याल, ख्वाब जो कि प्रेम का महत्वपूर्ण पक्ष है।
जब किसी को प्यार होता है तो बस उस शख्स की बातें, विचार और अहसास हर पल याद आते हैं। दिन में यदि बातों का मेला होता है, तो रातों में ख़यालों का पहरा।
No 3
रातें
तेरे ख्वाबों का मेरी रातों में जो रंग चढ़ जाए।
मेरी रातें भी चाँदनी सी जगमग चमक जाए॥
तेरी यादों का सिलसिला बन कारवाँ चला।
तेरी यादों के सफर में जिंदगी गुजर जाए॥
मेरी रातें भी चाँदनी सी जगमग चमक जाए।
मोहब्बत की हर रस्म निभाने का जज़्बा लिए हुए।
मोहब्बत के हर रंग में तमन्नाए पिघल जाए॥
इस जनम की उस जनम में ख्वाहिशें लिए हुए।
हर जनम में जिंदगी यू ही गुजर जाए॥
मेरी रातें भी चाँदनी बन जगमग चमक जाए।
कई लोग ऐसे होते हैं कि जिनके दिल में किसी के लिए भावनाएं उमड़ती है, प्यार होता है, और अधूरा रह जाता है, किन्तु वे आसानी से उन चीजों को भुला पाते हैं।
जिंदगी में आगे बढ़ने के रास्ते खोज लेते हैं। एक नई शुरुआत के साथ जल्द ही वे अपनी जिंदगी के अगले पड़ाव पर होते है।
इसके विपरीत कुछ लोग अपने मन की बात बता ही नहीं पाते है। अनजाना सा डर मन को डराता रहता है। जिसके चलते कदम बस पीछे ही हटते जाते हैं।
दिल की बातें दिल में ही रह जाती हैं और जीवनपर्यंत वो स्वयं को दोष देते रहते हैं। कई लोग अत्यंत भावुक होते हैं जिनका प्रेम यदि अधूरा रह गया, मंजिल नहीं मिली,
जिसके साथ जिंदगी बिताना चाहते थे उसने मुँह मोड़ लिया, जिस शख्स का हाथ पड़कर जीवन भर साथ देने का वादा किया था, उसी ने दामन छुड़ा लिया।
ऐसे भावनात्मक लोगों का दिल प्यार अधूरा रह जाने पर जिंदगी के अंधकार में खोने लगता है। मैं ऐसे लोगो को यही बताना चाहूंगी कि प्यार कभी अधूरा होता ही नहीं।
प्यार अंतरात्मा से उत्पन्न होता है, और दिल की गहराइयों में समाहित होता है। जरा सोचिए जिसने हमारी आत्मा में स्थान बना लिया वो कभी हमसे अलग, जुदा व अधूरा कैसे हो सकता है, बल्कि उस प्यार ने तो संपूर्णता को प्राप्त कर लिया।
प्रेम के सुर भले ही अधूरे हो लेकिन उनकी झंकार सदैव ही हमारा मन आनंदित करते रहते हैं। यह प्रेम परिपूर्ण कविता अवश्य ही आपके दिल को छू जाएगी।

No 4
सुर अधूरे रहे
जब गीतों में तार अकेले रहे।
सुर पिरोये मगर सुर अधूरे रहे॥
तार झंकृत हुए पर ध्वनित न रहे।
मन जो विचलित हुए तो तरंगें उठी॥
चाह कर भी कदम रोकते जो रहे,
बन आसूं तरंगें पिघलती रही।
सुर पिरोये मगर सुर अधूरे रहे॥
ऐसी आँधी चली सब धुआँ हो रहे।
मन की उदीग्नता पीड़ा देती रही॥
मन के भावों को यूँ ही समेटे रहे।
भावनाएं कसक बन उभरती रहीं॥
सुर पिरोये मगर सुर अधूरे रहे।
सुरमई नैन पलकों में बंद जो रहे॥
आँचल में जो छबि को छुपाते रहे।
आसमां भी बरसने को आकुल हुआ॥
वो आँचल भिगा कर सताते रहे।
सुर पिरोये मगर सुर अकेले रहे ॥
प्रेम शब्दों में वो जो बताते रहे।
एक अरसे से जो आजमाते रहे॥
शब्दों की परिधि परे ही रही,
दिल की गहराइयों में समाते रहे।
सुर पिरोये मगर सुर अकेले रहे॥
जब गीतों में तार अकेले रहे।
सुर पिरोये मगर सुर अधरे रहे॥
सच अजब गज़ब है, ये प्यार। जो प्रेम में हैं उन्हें चैन नहीं, जिन्हें नहीं हुआ वो भी बेचैन, प्रेम को समझना मुश्किल, हो जाए तो जीना दुशवार, कहने को बहुत कुछ, बयां करने पर अनजाना डर।
ओह क्या इतनी दुविधा होती है? या बिलकुल आसान अचानक से मिलना, बातें होना, बड़ों की सहमति, रस्मों की शुरुआत और विवाह बंधन की पवित्र डोर।
जी हाँ मैं बात कर रही हूँ, विवाह, प्यार, सात जन्मों की कसमें, जिम्मेदारियाँ, जीवनसाथी का साथ और प्यार भरा संसार। यह रिश्ता भी प्रेम का इंद्रधनुषी स्वरूप है, जिसके अनेक रंगों की बारात में दुनिया रंगीन सी लगती है।
हर प्यार करने वाला इसी रिश्ते की मंजिल को पाना चाहता है। प्रेम के भावों के साथ ही अनेकों तमन्नाए, सुहाने सपने, रंगीन कामनाएँ व रूहानी ख्वाहिशे भी उभर आती हैं। इन सभी भावों की पूर्ति ही प्यार की सफलता होती है।
No 5
तमन्ना
हर पल ये तमन्ना होती है।
हर आहट पर तुम आ जाओ ॥
मैं चाहूँ तुम्हीं को और
तुम्हीं को पा जाऊँ,
जो नज़रें ख़्वाब सजाती हैं।
उन ख्वाबों में तुम बस जाओ ,
दिल की महफिल सूनी होती,
उसकी रौनक बन आ जाओ।
हर शाम उदास लगती है,
वो सुबहा बन मुसका जाओ ।
इस दिल ने तुम्हें पुकारा है ।
इस दिल को तुम अपना जाओ ॥
हर राह में राही मिलते है।
मेरे हमराही बन जाओ॥
हर पल ये तमन्ना होती है।
हर आहट पर तुम आ जाओ ॥
प्यार पर कविता प्रेम को व्यक्त करने, मन की बात बयान करने, प्यार की पवित्र अनुभूति करने का एक बेहतरीन माध्यम है, जिन्हें पढ़कर, सुनकर हमें आत्मिक सुख का अनुभव होता है।
सच ही है की कविता हमारी भावनाओं को उजागर करने का अद्भुत साधन है। कविताओं का यह संकलन यही कामना करता है की आप सभी के जीवन में सच्चे प्यार का आगमन हो,
प्रेम के सफर को तय करने वालों को मंजिल मिले, जो अपने जीवनसाथी के संग है उनका घर संसार सात जन्मों तक प्रेम की फुहारों से सिंचित रहे।
सभी पाठकों को कविता के माध्यम से वैलेंटाइन डे, प्यार भरे पर्व तथा प्रेम परिपूर्ण जीवन की ढेरों शुभकमनाएं। आप सभी स्वस्थ रहें, मस्त रहें और सुरक्षित रहें नमस्कार।